Twenty Ninth Verse of Surah Nisa (The Women)
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[4:29] You who believe, do not wrongfully consume each other's wealth but trade by mutual consent. Do not kill each other, for God is merciful to you.
[4:29] ए ईमानवालों आपस में एक दूसरे का माल नाहक़ न खा जाया करो लेकिन (हॉ) तुम लोगों की बाहमी रज़ामन्दी से तिजारत हो (और उसमें एक दूसरे का माल हो तो मुज़ाएक़ा नहीं) और अपना गला आप घूंट के अपनी जान न दो (क्योंकि) ख़ुदा तो ज़रूर तुम्हारे हाल पर मेहरबान है.
[4:29] مومنو! ایک دوسرے کا مال ناحق نہ کھاؤ ہاں اگر آپس کی رضامندی سے تجارت کا لین دین ہو (اور اس سے مالی فائدہ حاصل ہو جائے تو وہ جائز ہے) اور اپنے آپ کو ہلاک نہ کرو کچھ شک نہیں کہ خدا تم پر مہربان ہے.