Ninteenth Verse of Surah Nisa (The Women)
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[4:19] You who believe, it is not lawful for you to inherit women against their will, nor should you treat your wives harshly, hoping to take back some of what you have given them, unless they are guilty of something clearly outrageous.Live with them in accordance with what is fair and kind: If you dislike them, it may well be that you dislike something in which ALLAH has put much good.
[4:19] ऐ
ईमानदारों तुमको ये जायज़ नहीं कि (अपने मुरिस की) औरतों से (निकाह कर) के
(ख्वाह मा ख्वाह) ज़बरदस्ती वारिस बन जाओ और जो कुछ तुमने उन्हें (शौहर के
तर्के से) दिया है उसमें से कुछ (आपस से कुछ वापस लेने की नीयत से) उन्हें
दूसरे के साथ (निकाह करने से) न रोको हॉ जब वह खुल्लम खुल्ला कोई बदकारी
करें तो अलबत्ता रोकने में (मज़ाएक़ा (हर्ज)नहीं) और बीवियों के साथ अच्छा
सुलूक करते रहो और अगर तुम किसी वजह से उन्हें नापसन्द करो (तो भी सब्र करो
क्योंकि) अजब नहीं कि किसी चीज़ को तुम नापसन्द करते हो और ख़ुदा तुम्हारे
लिए उसमें बहुत बेहतरी कर दे .
[4:19] مومنو!
تم کو جائز نہیں کہ زبردستی عورتوں کے وارث بن جاؤ۔ اور (دیکھنا) اس نیت
سے کہ جو کچھ تم نے ان کو دیا ہے اس میں سے کچھ لے لو انہیں (گھروں میں)
میں مت روک رکھنا ہاں اگر وہ کھلے طور پر بدکاری کی مرتکب ہوں (تو روکنا
مناسب نہیں) اور ان کے ساتھ اچھی طرح رہو سہو اگر وہ تم کو ناپسند ہوں تو
عجب نہیں کہ تم کسی چیز کو ناپسند کرو اور خدا اس میں بہت سی بھلائی پیدا
کردے ۔
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