Twenty Second Verse Of Surah Nisa (The Women)
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[4:22] Do not marry women that your fathers
married 'with the exception of what has already occurred' this is indeed a
shameful thing to do, loathsome and leading to evil.
[4:22] और जिन औरतों से तुम्हारे बाप दादाओं से (निकाह) जमाअ (अगरचे ज़िना) किया हो तुम उनसे निकाह न करो मगर जो हो चुका (वह तो हो चुका) वह बदकारी और ख़ुदा की नाख़ुशी की बात ज़रूर थी और बहुत बुरा तरीक़ा था.
+Wajiha Tayyab +Ibrahim Waheed +muhammad waqas mughal +Younus Khan +Younus Hassan +Yousuf Tafhim
[4:22] और जिन औरतों से तुम्हारे बाप दादाओं से (निकाह) जमाअ (अगरचे ज़िना) किया हो तुम उनसे निकाह न करो मगर जो हो चुका (वह तो हो चुका) वह बदकारी और ख़ुदा की नाख़ुशी की बात ज़रूर थी और बहुत बुरा तरीक़ा था.
[4:22] اور جن عورتوں سے تمہارے باپ نے نکاح کیا ہو ان نکاح مت کرنا (مگر
جاہلیت میں) جو ہوچکا (سوہوچکا) یہ نہایت بےحیائی اور (خدا کی) ناخوشی کی
بات تھی۔ اور بہت برا دستور تھا ۔
+Wajiha Tayyab +Ibrahim Waheed +muhammad waqas mughal +Younus Khan +Younus Hassan +Yousuf Tafhim
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